latest important news: jang e azadi memorial kartarpur से जुड़े मामले में दर्ज दर्ज ऍफ़ आई आर को punjab vigilance bureau ने खारिज करने की प्रक्रिया शुरू की...

 जालंधर(10/12/2025): पढ़ने वालों को बताना चाहते हैं की पंजाब विजिलेंस ने साल 2024 ने जालंधर में एक ऍफ़ आई आर दर्ज की जिसमे कई सारे पंजाब सरकार के ही अफसरों सहित एक पंजाबी ajit newspaper owner बरजिंदर सिंह हमदर्द पर गंभीर आरोप लगते हुए इन सब लोगों को आरोपी बनाया था की इन सब लोगों ने जालंधर अमृतसर हाईवे पर पड़ते जंगे आज़ादी के निर्माण में घोटाला किया है और तो और आरोप लगाया था की ajit newspaper owner ने जंगे आज़ादी की वेबसाइट से अपने डिजिटल प्लेटफार्म को लिंक करके अपने व्यूज बढ़ाने का काम किया है

मामले में सभी आरोपितों की अग्रिम जमानते जालंधर की अदालत से रद्द हुई और फिर मामला पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में गया तो ajit newspaper owner को कुछ राहत मिली और उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगी, इसके बाद पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची जहाँ से एक आर्डर आया की जो भी याचिकाएं इस मामले से जुडी हुई हाई कोर्ट में चल रही है उनका निपटारा एक निर्धारित समय के भीतर किया जाये पर पंजाब सरकार को कुछ फायदा हुआ नहीं मामला हाई कोर्ट में चलता रहा

दिसंबर 2025 की शुरुआत में जब पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई तो विजिलेंस के डी एस पी अश्वनी कुमार ने अदालत में एक एफिडेविट दिया की विजिलेंस ने इस ऍफ़ आई आर को ख़ारिज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है तो इस एफिडेविट के आधार पर हाई कोर्ट ने मामले को डिस पोसड ऑफ कर दिया

अब पंजाब विजिलेंस पर सवाल खड़ा होता है या तो आपने तब यह ऍफ़ आई आर किसी ख़ास नियत से दर्ज की थी जो पूरी तरह से झूठी थी या फिर आज पंजाब सरकार और आरोपितों के बीच कोई समझौता हो गया है, हो सकता है ऐसा कुछ न भी हो पर इस मामले की जुडिशल जांच तो बनती है और अगर दोनों हालातों में पंजाब विजिलेंस की कहीं कोई गलती पाई जाती है तो अब समय आगया है की अदालत विजिलेंस के अधिकारीयों सहित पंजाब सरकार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे

फिलहाल इस बात पर पंजाब की जनता को नाराजगी होनी चाहिए की किसी भी मीडिया हाउस ने न तो जब ऍफ़ आई आर हुई तब कोई ढंग से रिपोर्टिंग की और आज जब मामला सदेह से भरे हालातों में ख़ारिज हो रहा है तब तो कहीं कोई एक छोटी सी भी खबर नहीं है

Note: आर्टिकल में इस्तेमाल की गई इमेज इंटरनेट से ली गई है इस इमेज का किसी भी तरह से कमर्शियल इस्तेमाल नहीं किया गया है और इमेज को आर्टिकल के अंत में लगाने का कोई ख़ास मकसद नहीं है



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