Expose: कैसे punjab police, vicious लोगो को कानून के शिकंजे से बचा रही है, छोटे मोटे vicious किसम के लोगों में भी अदालत तक का डर नहीं बचा, punjab में इन्साफ की राहें कितनी मुश्किल है पढ़िए पूरी कहानी, सबूतों के साथ...

जालंधर: आज की कहानी से एक बात जनता के सामने यह साबित होगी की कैसे Punjab police अपराधी नियत के लोगो को सजा दिलवाने के बिलकुल उल्ट  किसी भी हद तक जाकर बचाती है, दूसरा की आज के भारत में journalists  के रास्ते कितने मुश्किल हैं और तीसरा और सबसे जरूरी की आज के समय में हमारे देश में इन्साफ लेना लगभग नामुनकिन हो चूका है, इस कहानी में एक अपराधी सोच का व्यक्ति उधारण के तौर पर लिया गया है जिसे आधार बना कर कई सारे खुलासे होंगे, एक आदमी है जिसने देश की एक नामी दवा बनाने वाली कंपनी में सालों तक  नौकरी की और कंपनी को अँधेरे में रखा की वो कंपनी के लिए पूरा दिन ईमानदारी से काम करता है जिसके बदले कंपनी से तनख्वा ली, और ना जाने कौन कौनसे खर्चे लिए पर कंपनी के काम को दिए जाने वाले समय पर उसने लॉ की पढाई की और कंपनी का पैसा बिना काम किए खाया, कुछ साल पहले इस आदमी ने अपने एक रिश्तेदार दम्पति के खिलाफ बहुत सारी झूठी शिकायतें अलग अलग सरकारी विभागों में डाली, नियत एक खानदानी प्रॉपर्टी को हथियाने की थी  जिसमे इस मासूम दम्पति का भी अधिकार था जिसे यह तथाकथित advocate साहिब अकेले हड़प लेना चाहते थे, सभी शिकायतें अंत में झूठी पाई गई और बंद करदी गई, इस तथाकथित  advocate  ने जालंधर के सिटी रेलवे स्टेशन के सामने पड़ते रेडी खुम्चा लगाने वालों को भी नहीं बक्शा, जिस वजह से एक गरीब रेडी वाले ने इस आपराधिक सोच के तथाकथित advocate के खिलाफ जालंधर की एक अदालत में गुहार भी लगाई पर कुछ समय बाद मामले में सुलह सपाट हो गया और कोर्ट में गया केस रेडी वाले ने वापिस ले लिया,  फिर आया साल 2018 जब पंजाब के मोगा शहर की एक  कोरियर की दूकान पर एक bomb blast  हुआ जिसमे कुछ लोग घायल हुए बाद में पता चला की तथाकथित advocate साहिब जालंधर के सिटी रेलवे स्टेशन के सामने एक गैरकानूनी गेस्ट हाउस चलाते है जिसमे यह  बम बनाने वाला मुख्य आरोपी लगभग 10 दिन तक छुपा था और यही बम भी बनाया था, इसके बाद आया साल 2019 जब जालंधर शहर के एक journalist ने गेस्ट हाउस के खिलाफ कुछ समाचार लगा दिए तो तथाकथित advocate साहिब ने 2 journalists के खिलाफ अलग अलग अदालतों में काई  मुकद्दमे  लगा कर ख़बरों को दबाने में सफलता हासिल की, पर कुछ समय बाद पता चला की इनका गेस्ट हाउस सर से लेकर पैर तक पूरी तरह से गैर कानूनी है, फिर इन्होने अपने सगे भाई को जालंधर की अदालत में एक शिकायत कर्ता बना कर अदालत में एक journalist पर सिविल  मुकद्दमा  लगा दिया जो अभी तक चल रहा है, इनके  यह  भाई साहिब भी साल 2008 में जालंधर शहर में ही एक मासूम बच्चे को अगवाह करने के मामले में लम्बे समय तक जेल की हवा खा चुके हैं, इसके बाद साल 2019 के जून माह में इस तथाकथित advocate कम मेडिकल रीप्रेसेंटेटीयू ने कुछ जाली दस्तावेज बना कर एक समाचार वेबसाइट को बंद करवाने की नियत से हमला किया जो Punjab police की जांच में और फॉरेंसिक में साबित हो चूका है की यह  सब इस तथाकथित advocate ने ही किया है, साल 2020 में जिस दवा बनाने वाली कंपनी में कभी काम किया था उसी के कुछ अन्य कर्मचारियों को बंधक बनाने का आरोप लगा तो एक FIR भी दर्ज हुई है इस FIR में तथाकथित advocate के साथ इसके 2 अन्य साथियो का नाम भी दर्ज किया गया है  बार कौंसिल में एक शिकायत इनके खिलाफ एक journalist ने की जिसे बिना सुने ही बंद कर दिया गया, अब सुना है उक्त दवा बनाने वाली कंपनी ने भी बार कौंसिल में शिकायत कर रखी है जिसका आजतक कोई फैसला नहीं आया है, 2 अलग अलग IPC 182 के कलन्दरे भी कोर्ट में Punjab police ने  मजबूरन ही सही इनके खिलाफ पेश किए है, अब साल 2022 में सुना है इनके खिलाफ जालंधर की ही एक अदालत से गैर जमानती वारंट भी निकल चुका है और यह जनाब है की अब तक जालंधर में खुले घूम रहे हैं और तो और जालंधर की अदालत में पिछले कुछ माह से वकालत भी कर रहे हैं यह तो रहा लीड पैराग्राफ, अब जानते हैं मामले की पूरी डिटेल:

  1. मासूम दंपत्ति के खिलाफ झूठी शिकायतें: इस तथाकथित advocate ने दवा बनाने वाली कंपनी को धोखा देकर लॉ करने के बाद सबसे पहला शिकार अपने रिश्तेदार दंपत्ति को बनाया जिनके खिलाफ इस शातिर आदमी ने बहुत सारी झूठी शिकायतें इस दंप्पत्ति के खिलाफ अल्ग अल्ग सरकारी विभागों में डाली जो सभी शिकायतें बाद में सही नहीं पाई गई और बंद कर दी गई, अगर कोई शिकायत सही होती तो उक्त दंप्पत्ति के खिलाफ कोई करवाई होती और शिकायतें जांच के बाद बंद न होती, इन शिकायतों मेसे एक शिकायत का नंबर है 1434743, dated : 26/09/2018, पुलिस थाना है: नवी बारादरी जालंधर(पंजाब), ऐसे ही एक और शिकायत जो एक दिन पहले vicious ने ऑनलाइन डाली थी जिसका नंबर लगा था 1578049288, dated : 25/09/2018, यह शिकायत vicious ने ऑनलाइन जालंधर पुलिस कमिश्नर और थाना नवी बारादरी के SHO को भेजी थी, ध्यान रखे यह सारी सूचना हमें साल 2019 में पीड़ित दंम्पति से एक स्थानीय journalist श्री राजीव धामी ने लेकर मुहैया करवाई थी, शिकायतों की कॉपी न होने की वजह से हमें शिकायतों के कंटेंट के बारे जानकारी नहीं है जिस वजह से कंटेंट के बारे कुछ भी लिख पाना संभव नहीं है यह शिकायत नंबर हमने इस लिए प्रकाशित किए हैं ताकि अगर Punjab police 1 या 2 शिकायत नंबर से जांच करेगी तो उसे बाकी और बहुत सारी शिकायतें भी पुराने रिकॉर्ड में मिल जाएँगी, सूत्रों की माने तो ऐसी बहुत सारी शिकायतें थी जो बाद में बंद हुई, इन शिकायतों की वजह से पीड़ित दंप्पत्ति को लम्बे समय तक मानसिक पीड़ा सहनी पड़ी थी पर हैरान करने वाला पहलु तो यह है की बहुत सारी झूठी शिकायतें सामने आने के बाद भी jalandhar police ने इस vicious तथाकथित advocate के खिलाफ एक भी IPC 182 का मामला दर्ज नहीं किया था, इसके इलावा इस vicious ने एक मुकद्दमा पंजाब हरयाणा हाई कोर्ट में भी लगा दिया जिसका नंबर है: CRM-M :30444,year:2018, जिसे बाद में dismissed as withdrawn कर दिया गया
  2. गरीब रेडी लगाने वालों को तंग परेशान करना: साल 2018 में ही एक रेडी लगाने वाले ने इस vicious के खिलाफ जालंधर की एक अदालत में एक शिकायत दर्ज करवाई, जिसका नंबर था: COMI/740/2018, इस शिकायत की अर्जी के मुताबिक यह vicious अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर उक्त गरीब रेडी वाले को तंग परेशान कर रहा था और उसको रेडी लगाने से रोकने के लिए हमला भी कर चुका है जिसके बाद रेडी वाले ने थाना नवी बारादरी में शिकायत भी दी थी पर police ने vicious के खिलाफ कोई करवाई करने से साफ़ मना कर दिया और तो और जब रेडी वाला सिविल हॉस्पिटल एमएलआर कटवाने गया तो वहाँ मौजूद डॉक्टरों ने एमएलआर काटने से मना कर दिया, बाद में रेडी वाले ने न जाने क्यों अदालत में दी अपने शिकायत वापिस ले ली और vicious और उसके साथी एक बार फिर बच निकले, पर समझ नहीं आया की police ने इस बार भी vicious के खिलाफ IPC 341 की बनती FIR क्यों नहीं काटी
  3. मोगा कोरियर bomb blast केस: साल 2018 में पंजाब के शहर मोगा में एक कोरियर की दुकान पर एक धमाका हुआ जिसमे दुकान पर मौजूद कुछ लोग घायल हुए थे, इस मामले की जांच NIA ने की थी, बाद में पता चला था की इस काण्ड का साजिश करता तथाकथित advocate साहिब के गेस्ट हाउस जो जालंधर सिटी रेलवे स्टेशन के सामने एक खस्ताहाल ईमारत में आज भी चल रहा है में लगभग 10 दिन तक रुका था और एहि बम भी बनाया था जिसे बाद में मोगा की एक कोरियर की दुकान से कही भेजने की कोशिस की जो उक्त दूकान पर ही फट गया था, इस मामले में FIR दर्ज की गई जिसका नंबर है 0210, dated: 26/09/2018, थाना है: सिटी साउथ, मोगा पुलिस, इस मामले में हैरान करने वाली बात यह है की मोगा पुलिस ने गेस्ट हाउस चलाने वाले तथाकथित advocate साहिब का कही भी लिखित बयान तक FIR में नहीं दिखाया है
  4. साल 2019 के मार्च माह में जालंधर शहर के ही कुछ journalists ने इस तथाकथित advocate के गेस्ट हाउस जो जालंधर सिटी रेलवे स्टेशन के सामने आज भी खड़ा है के खिलाफ कुछ समाचार प्रकाशित कर दिए तो तिलमिलाए तथाकथित advocate ने इनमेसे एक स्थानीय journalist को अपने नाम से ही लीगल नोटिस भेज दिया जो नोटिस उक्त journalist ने हमें भी मुहैया करवाया था, इस लीगल नोटिस पर एक रिफरेन्स नंबर लिखा है: RP/mar/12/19 और तारिख है: 12/3/2019, इस नोटिस में तथाकथित advocate ने अपने सगे भाई को अपना क्लाइंट बता कर और खुदको उसका advocate बता कर नोटिस के जरिए उक्त journalist को सीधे तौर पर धमकाने की कोशिश जैसा कदम उठाया लगता है, नोटिस भेजने के कुछ दिनों बाद ही इस तथाकथित advocate ने अपने सगे भाई को खड़ा कर उक्त journalist के खिलाफ जालंधर की एक अदालत में एक सिविल मुकदमा शुरू करवा दिया, जिसका रेजिस्ट्रेशन नंबर है CS/716/2019, बड़े अफ़सोस के साथ कहना पड़ रहा है की उक्त मुकद्दमा आज भी जालंधर की एक अदलात में चल रहा है, इसके इलावा vicious ने एक अन्य journalist के खिलाफ भी कई सारे मुकद्दमे, जिनके रेजिस्ट्रेशन नंबर है, CRM/3369/2019, CRM/1084/2019 और CRM/3406/2019, चला दिए, इन मुकद्दमों के बारे उक्त journalist को भी तब पता चला जब पुलिस ने पूछ ताछ के लिए इन पत्रकारों को बुलाया, ये vicious एहि नहीं रुका इसने एक मशहूर हॉस्पिटल में दवा की दुकान चलाने वाले एक युवक को जो भी वकालत की डिग्री और लाइसेंस से लैस हो चुका है को एक शिकायतकर्ता बना कर जालंधर की एक अदालत में एक समाचार वेबसाइट www.storynow.co.in को बंद करवाने की एक अर्जी लगवा दी इस केस का नंबर है CS/2811/2019, यह मामला अदलात में अब ख़ारिज हो चूका है, इसके इलावा उक्त vicious ने जालंधर के दो अन्य लोगों जो खुदको journalist कहते है को खड़ा करके दो अन्य मुकद्दमे पीड़ित journalists के खिलाफ जालंधर की अलग अलग अदालत में लगवा दिए, इन दो मुकद्दमों के नंबर है, CS/2562/2019, यह मामला अभी अदालत में चल रहा है, दुसरे मामले का नंबर है CS/2511/2019, यह मामला हल ही में अदालत में ख़ारिज हो चूका है, इसके इलावा vicious एक कदम आगे बढ़ते हुए हाई कोर्ट पंहुचा जहाँ उसने एक केस लगाया जिसका नंबर है CRM-M/19249/2019, इस मामले में भी एक journalist को पार्टी बनाया गया, पर सुनने में आरहा है की यह मामला भी हाई कोर्ट में डिस्पोज़ हो चूका है, इस मामले में अदालत ने क्या फैसला दिया है इसकी हमें ठीक से जानकारी नहीं मिल सकी है

इन सब बातों के इलावा जब vicious ने अपनी दाल गलती हुई नहीं देखी तो www.storynow.co.in को बंद करवाने की नियत से सीधा जुर्म का रास्ता अपनाते हुए vicious ने एक काल्पनिक advocate के नाम का नोटिस खुद बना के खुद ही उक्त काल्पनिक advocate के हस्ताक्षर करके लुधियाना की कचेहरी का एक काल्पनिक पता डाल कर www.storynow.co.in के अब के एडिटर(तब इस वेबसाइट के लिए फ्री लांस रिपोर्टिंग करते थे) सहित वेबसाइट पर जितने भी विज्ञापन लगे थे सब को धमकी भरे नोटिस भेजकर वेबसाइट को आर्थिक तौर पर नष्ट करने की साजिश रची, ये सभी नोटिस उक्त vicious  ने ही बनाए है यह बात सरकारी लैब की रिपोर्ट में साबित हो चुकी हैं, इस साजिश को आधार बना कर वेबसाइट के अब के एडिटर ने पुलिस में लिखित शिकायत दी तो पुलिस ने vicious को बचाने के लिए अपने ही विभाग की फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट को किनारे करते हुए एडिटर द्वारा दी गई सच्ची और सबूतों के आधार पर बनी शिकायत जिसका नंबर है: DCP/2745/2019, को बड़ी बेशर्मी से बंद कर दिया, इसके बाद अब vicious ने police से बचने के लिए जिस काल्पनिक advocate के नाम के नोटिस तैयार किए थे उस नाम के एक अन्य advocate को खड़ा कर दिया और कहला दिया की ये सब नोटिस उस advocate ने ही भेजे हैं, पर जब पुलिस ने उक्त advocate से ब्यान पर हस्ताक्षर करने को कहा तो उक्त जाली व्यक्ति ने हस्ताक्षर नहीं किए बल्कि उसकी जगह vicious ने खुद पुलिस द्वारा लिखे ब्यान के नीचे उक्त काल्पनिक advocate के हस्ताक्षर कर दिए और इस तरह पुलिस की मिली भुगत की वजह से ये vicious बच निकलने में कामयाब हुआ पर इस ब्यान पर भी एक प्राइवेट फॉरेंसिक जांच में साबित हो चूका है की शातिर ने ही ब्यान पर काल्पनिक वकील के हस्ताक्षर किए हैं पर इतना सब साबित होने पर भी जालंधर की पुलिस(Punjab police) ने vicious के खिलाफ आजतक मामला दर्ज नहीं किया है, साल 2019 में देश भर के journalists में जब रोष जागा तो जालंधर की पुलिस ने शातिर के खिलाफ दो IPC182 के कलंदरे कोर्ट में पेश किए थे जिनमेंसे एक का नंबर है: CRMP/16/2019, जिसमे आगे चलकर vicious ने हाई कोर्ट में क्वॉशिंग लगा दी, बड़े ही अफ़सोस की बात है की vicious को इस मामले में स्टे मिल गया जो अभी तक भी जारी है हाई कोर्ट में इस क्वॉशिंग केस का नंबर है: CRM-M/4210/2020, दुसरे कलंदरे का कोर्ट में नंबर है: CRMP/15/2019, इस मामले में vicious के खिलाफ जालंधर की ही एक अदालत से 10/05/2022 को गैर जमानती वारंट भी निकल चुका है पर फिर भी ये vicious खुले आम घूम रहा है, रही बात इनके भाई साहिब की तो जिस मामले में ये जनाब जेल की हवा खा कर आए है उससे जुड़े सबूतो भी हमारे पास उपलब्ध है

साल 2019 के माह में ही जालंधर शहर से सम्बन्ध रखने वाले एक शिव सेना नेता ने तथाकथित advocate के गेस्ट हाउस के बारे में जानकारी जुटाने के लिए कुछ शिकायतें जालंधर के municipal corporation और कुछ अन्य विभागों में डाली ऐसा उन्होंने संदिग्ध गेस्ट हाउस के खिलाफ ख़बरें छपने के बाद तथाकथित advocate द्वारा journalists पर किए जा रहे हमलों के मामलों में निर्दोष journalists को इन्साफ दिलाने की नियत से किया था यह बात साल 2019 में उक्त शिव सेना नेता ने ही हमें बताई थी, पर जब उक्त शिव सेना नेता द्वारा डाली गई शिकायतों के जवाब municipal corporation और अन्य विभागों से सामने आए तो सबके रोंगटे खड़े हो गए,

subject number : GOVPB/E/2019/00687, dated : 20/09/2019, में निगम(municipal corporation) ने अपने जवाब में लिखा है की शिकायत में लिखे गए पते पर जो ईमारत खड़ी है वो बहुत ही पुरानी है और बहुत ही खस्ता हाल है, लिहाजा ईमारत के खिलाफ बनती कार्रवाई करने के लिए मामले को बी एंड आर विभाग को भेजा गया है,

complaint number : 5251, dated : 5/11/2019, letter  number :1135/PT, dated : 5/11/2019, municipal corporation ने शिकायत करता शिव सेना नेता को जवाब भेजा था की गेस्ट हाउस चलाए जा रहे पते पर जो इमारत खड़ी है उसका प्रॉपर्टी टैक्स भी मालिक द्वारा विभाग को अदा नहीं किया गया है, आगे चलकर तथाकथित advocate ने और इसके किसी रिश्तेदार ने municipal corporation को ईमारत का प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाया या नहीं इस बात की जानकारी हमे नहीं मिल सकी है

complaint number : 5250, dated : 09/09/2019, letter number :FB /complaint /98, dated : 10/10/2019, फायर ब्रिगेड विभाग की तरफ से शिकायत करता शिव सेना नेता को अपने जवाब में लिखा था की उक्त गेस्ट हाउस को विभाग की तरफ से कोई भी फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया है, क्योकि गेस्ट हाउस चलाने वाले ने नहीं कभी इसकी विभाग से मांग की है और नहीं गेस्ट हाउस चलाने वाले के पास फायर सेफ्टी यंत्र मौजूद है इस लिए उक्त गेस्ट के खिलाफ बनती कार्रवाई शुरू की जा रही है, इस मामले में फायर सेफ्टी विभाग ने क्या करवाई की इसकी जानकारी भी नहीं मिल सकी है

subject letter : 1287, dated : 11/09/2019, का आधार बना कर municipal corporation ने शिकायतकर्ता को अपने जवाब में लिखा था की उक्त गेस्ट हाउस वाली बिल्डिंग में 2 अलग अलग पानी के कनेक्शन थे जिनमेंसे एक का बिल लगातार विभाग को अदा किया जा रहा है और दुसरे का बिल लम्बे समय से अदा नहीं किया गया है लिहाजा दुसरे कनेक्शन को विभाग ने काट दिया है और बकाया बिल का इंतजार है

अब दोस्तों आपको बता दें की इतना सब होने के बाद भी आज साल 2022 में वहीँ, उसी खस्ताहाल ईमारत में उक्त vicious व्यक्ति द्वारा ही गेस्ट हाउस बिना किसी रोक टोक के चलाया जा रहा है, अब सवाल है की भगवान् न करे की ये खस्ताहाल बिल्डिंग इतने घनी आबादी वाले इलाके में गिर गई तो जो नुक्सान होगा उसका जिम्मेदार जालंधर के मेयर होंगे या municipal corporation कमिश्नर या पंजाब के मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान जी होंगे, vicious का कवच बनी जालंधर पुलिस होगी या फिर बार कौंसिल पंजाब एंड हरयाणा होगी जो इस शातिर पर कभी करवाई नहीं करती चाहे जितने सबूत क्यों न हो, इस जवाब का पंजाब की जनता को इंतजार रहेगा

vicious के जुर्म एहि रुक जाते तो भी कुछ अलग बात थी, साल 2020 में vicious ने उसी दवा बनाने वाली कंपनी के कुछ लोगो को पहले उनका काम करने से रोका फिर बंधक बना लिया और सुना है पैसो की मांग भी कर डाली, कंपनी की शिकायत पर पुलिस ने कुछ नहीं किया और vicious फिर से बच निकलता इससे पहले ही उक्त दवा कंपनी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटका दिया जिसके बाद जालंधर की पुलिस को मजबूरन एक मामला vicious और इसके दो अन्य साथियो के खिलाफ दर्ज करना पड़ा, यह मामला जालंधर के थाना नंबर-4 में 19 अगस्त 2020 को दर्ज हुआ इस मामले में दर्ज FIR का नंबर है 101, बड़े अफ़सोस के साथ कहना पड़ रहा है की इस vicious के खिलाफ दर्ज इस FIR को जालंधर पुलिस ने क्या किया कुछ पता ही नहीं चल सका है और vicious आजकल पिछले लगभग एक साल से जालंधर की अदालत में बतौर advocate प्रैक्टिस करने लग पड़ा है,

इसके इलावा कई सारे ठोस सबूतों के साथ इस vicious के खिलाफ एक शिकायत बार कौंसिल पंजाब एंड हरयाणा को भी साल 2019 में ही भेजी गई थी जिसका बार कौंसिल ने नंबर लगाया था: 209/2019, बड़े दुःख से कहना पड़ रहा है की बार कौंसिल ने शिकायतकर्ता को सुने बिना ही सबूतों को किनारे करते हुए शिकायत को बंद कर दिया,

अगर किसी को मामले से जुड़ा कोई सबूत चाहिए हो तो अगर कोई FIR की कॉपी चाहिए हो तो www.punjabpolice.gov.in से डाउनलोड करले और अगर अदालत से जुडी कोई जानकारी चाहिए हो तो अपने वकील को निवेदन करे तो वो अप्लाई करके दस्तवेज अदालत से निकलवा सकते हैं पर ध्यान रहे की जो मामला लंबित है उसके दस्तावेज नहीं मिल सकते लिहाजा जो केस डिस्पोज़ हो चूके हैं उनके दस्तावेज ही अप्लाई करवाए जा सकते है

दोस्तों इस पूरे दुखद मामले से आपको एक तो यह पता चल गया होगा की आज देश में media के लिए काम करना कितना मुश्किल हो गया है अगर media ऐसे छोटे मोटे ठगों और vicious लोगों के खिलाफ खुदके लिए इन्साफ नहीं ले पा रहा वो भी तब जब इस मामले में किसी बड़े राजनीतिक दखल का आजतक कोई सबूत नहीं मिला है तो उन मामलों में media कितना कमजोर पड़ जाता होगा जिसमे सामने बड़े बड़े नेता या पैसे वाले बड़े लोग हों, तो media को कोसना बंद किजिए और उसकी ताकत बनिए

दूसरी बात हम पत्रकार होने के साथ एक जिम्मेदार नागरिक भी हैं इस लिए पंजाब एंड हरयाणा हाई कोर्ट से निवेदन करते है की पत्रकारिता पर हमले करने वाले ऐसे vicious लोगो को रिलीफ न दें वरना कौन और कितने दिन निष्पक्ष पत्रकारिता कर सकेगा कहना मुश्किल है

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