an important update: jashan और manav dhillon के Beas में कूदने के मामले में SHO नवदीप सिंह और उसके साथियो पर हुई FIR पर legal opinion by advocate raman bhardwaj....

जालंधर(05/09/2023): दोस्तों आज SHO नवदीप और उसके 2 साथियों पर हुई FIR पर लीगल एक्सपर्ट की राय बताने जा रहे हैं, दोस्तों ढिल्लों ब्रदर्स को जान देने पर मजबूर करने वाले SHO नवदीप सिंह और उसके 2 अन्य साथियों पर हुई FIR को लेकर हमने जाने माने वकील श्री रमन कुमार भरद्वाज से बात की है

श्री रमन कुमार भरद्वाज कहते है की इस FIR में IPC 306, 506 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है जिसमेंसे IPC 506 और 34 कोई बहुत बड़ी और सख्त धाराएं नहीं है पर IPC 306 बेहद सख्त धारा है, इसके तहत अगर दोष सिद्ध हो जाता है तो आरोपियों को 10 साल तक की सजा का प्रावधान भारत के कानून में मौजूद है

आगे बढ़ते हुए श्री रमन भरद्वाज ने बताया की इस FIR में शिकायत करता श्री मानव उप्पल ने कहा है जैसा FIR में उनका बयान में दिख रहा है की मानव ढिल्लों के साथ SHO नवदीप सिंह के इलावा भी कुछ अन्य पुलिस मुलाजिमों ने धक्का मुक्की की थी और उनका अपमान किया था पर FIR में इन पुलिस मुलाजिमों को नामजद नहीं किया गया है सिर्फ एक महिला पुलिस कर्मी और एक ASI को SHO के साथ नामजद किया गया, बाकी के मौजूद मुलाजिमों को भी ध्यान रहे सिर्फ उनको जिन्होंने तीनो आरोपियों के इलावा मानव ढिल्लों के साथ बदसलूकी की थी को IPC 306 के तहत FIR में नामजद किया जाना बनता है इस बात का ध्यान पीड़ित परिवार को रखना होगा

आगे श्री रमन भरद्वाज कहते है की परिवार को एक और बात का ध्यान रखना होगा की जब कभी किसी सरकारी मुलाजिम के खिलाफ उसकी ड्यूटी से जुड़े किसी मामले में मामला दर्ज किया जाना होता है तो CRPC 197 के तहत एक विभागीय अनुमति लेनी होती है अगर ऐसा नहीं किया जायेगा तो आरोपियों के आगे चलकर बरी होने के संभावना बढ़ जाएगी

अंत में श्री रमन भरद्वाज ने दो बेहद जरुरी बातें बताई पहली की आजकल बहुत सारे मामलों में जब अदालत में ठाणे के CCTV कैमरे की रिकॉर्डिंग मांगी जाती है तो लगभग हर बार अलग अलग ठाणे की पुलिस का एक ही जैसा जवाब होता है की घटना के समय ठाणे के CCTV कैमरा ख़राब थे ये बेहद चिंता का विषय है, अगर इस मामले में भी आरोपित SHO कुछ ऐसा ही जवाब देता है तो उसके खिलाफ सबूतों को मिटाने की धारा IPC 201 जोड़ी जानी बनती है, अंत में दूसरी बात बताई की परिवार को चाहिए की मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग करे तभी निष्पक्ष जांच होने की संभावना बढ़ सकती है

 

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