जालंधर(28/10/2025): आप सब पढ़ने वालों को बता दें की जालंधर से सांसद और पंजाब सरकार में मंत्री रहे मोहिंदर सिंह के पी के इकलौते पुत्र रिची के पी की जालंधर शहर में ही पड़ते मॉडल टाउन में 13/09/2025 की रात को एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी, इस घटना के बाद जालंधर में पड़ते थाना नंबर: 6 की पुलिस ने एक मामला दर्ज किया था जिसमे रैश ड्राइविंग करने के आरोप में जालंधर शहर के एक कपडा व्यापारी गुरशरण सिंह को प्रमुख आरोपी मानते हुए गुरशरण सिंह के इलावा इस दुर्घटना में एक अन्य व्यक्ति जिसका नाम विशु कपूर है को भी नामित किया था साथ ही साथ तीन अन्य लोगों जसमीत सिंह, गुरप्रीत सिंह अलियास टिंकू और तरनजीत सिंह अलियास रिंकू को मुख्य आरोपी गुरशरण सिंह को छुपाने मतलब हर्बोरिंग के लिए नामित किया था, अब सूचना मिली है मुख्य आरोपी गुरशरण सिंह की अग्रिम जमानत अर्जी, जालंधर की अदालत के बाद मानयोग पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट से भी ख़ारिज हो चुकी है, वहीँ सह आरोपी विशु कपूर की अग्रिम जमानत जालंधर की अदालत से दो बार ख़ारिज हो चुकी है, हर्बोरिंग के आरोपी गुरप्रीत सिंह अलियास टिंकू और तरनजीत सिंह अलियास रिंकू को जमानत मिल चुकी है और हर्बोरिंग के तीसरे आरोपी जसमीत सिंह की अग्रिम जमानत अभी तक जालंधर की अदालत से ख़ारिज होने की सूचना है
अब आगे की सूचना में हम कुछ ऐसे सवालों पे चर्चा करना चाहते है जो इन जमानतों की सुनवाई के समय खड़े हुए हैं
1. मुख्य आरोपी गुरशरण
सिंह ने जमानत
अर्जी जालंधर की
अदालत के सामने
रखी और उसमे कहा
है की यह
मामला उनके खिलाफ
राजनीतिक दबाव के
चलते दर्ज किया
गया है, यहाँ सवाल खड़ा होता
है की मोहिंदर
सिंह के पी
वर्तमान समय में
जिस पार्टी(akali dal badal) से
जुड़े हुए है वो पार्टी
पंजाब में सत्ता से काफी
लम्बे समय से
बाहर है, और
जब मोहिंदर सिंह
के पी सांसद
और पंजाब सरकार
में मंत्री हुआ
करते थे तो
मोहिंदर सिंह के
पी कांग्रेस का
हिस्सा थे जो
आज न तो
पंजाब में सरकार
में है और
न ही देश
की केंद्र सरकार
में तो ऐसे
में मोहिंदर सिंह
के पी का
राजनीतिक दबाव कैसे
गुरशरण सिंह के
खिलाफ चल गया
जरा गले से
उतरने वाली बात
लग नहीं रहा
2. वही अन्य आरोपी विशु कपूर ने जालंधर की अदालत
के सामने अग्रिम जमानत की अर्जी रखी और मांग की की उन्हें इस लिए जमानत मिलनी चाहिए
क्योकि वो तो खुद पीड़ित है उन्हें खुदको इस दुर्घटना में गंभीर चोटें लगी हैं और वो
जालंधर के NHS हॉस्पिटल में दाखिल हैं अब यहां यह बात समझ नहीं आती की अगर विशु कपूर को
चोट लगी भी है तो यह चोटें उन्हें बेक़सूर कैसे बना देती हैं???? इन बातों पे विश्वास
करना जरा मुश्किल है
3.जब विशु कपूर की
पहली जमानत अर्जी जालंधर की अदालत ने ख़ारिज करदी तो कुछ दिनों बाद उन्होंने जालंधर
की अदालत में एक बार फिर से अग्रिम जमानत के लिए अर्जी लगा दी और मांग की की विशु कपूर
13/09/2025 से ही हॉस्पिटल में दाखिल हैं ऐसे में उन्हें उनकी मेडिकल कंडीशन की वजह
से अग्रिम जमानत दी जाये अब सवाल खड़ा होता है की विशु कपूर दुर्घटना वाली रात मतलब
13/09/2025 से हॉस्पिटल में दाखिल हैं तो उन्होंने अपनी पहली जमानत अर्जी में अपनी
मेडिकल कंडीशन के आधार पर जमानत क्यों नहीं मांगी बाद में दूसरी अर्जी क्यों डाली,
पहली अर्जी जब ख़ारिज हो गई तो दूसरी अर्जी में यह मांग क्यों की गई पहली अर्जी में
भी तो यह मांग की जा सकती थी, यह बात विशु कपूर द्वारा मिस यूज़ ऑफ़ लॉ की तरफ इशारा
करती है और उनकी नियत की तरफ शक की सूई घूमती है, ऐसा लगता है की उन्होंने जमानत पाने के लिए अदालत को गुमराह करने की कोशिश की है
4.हर्बोरिंग के आरोपी
जसमीत सिंह ने कहा की दो अन्य आरोपी जो हर्बोरिंग में आरोपी हैं जिनके नाम गुरप्रीत
सिंह और तरनजीत सिंह हैं को जमानत मिल चुकी है इस लिए जसमीत सिंह को भी जमानत मिलनी
चहिए, और अदालत से कहा की जसमीत सिंह दुर्घटना के समय न तो गाडी चला रहे थे और न ही
गुर्घटना स्थल पर थे इस लिए उन्हें अग्रिम जमानत मिलनी चाहिए अब यहां सवाल खड़ा होता
है की क्या किसी आरोपी को शरण देने वाला या छुपाने वाला या किसी अन्य तरीके से मदद
करने वाला पूरी तरह से बेक़सूर होता है???, यकीनन नहीं तो जसमीत सिंह को ऐसे में अग्रिम
जमानत क्यों मिलनी चाहिए???
5.बताना जरुरी है की जब मुख्य आरोपी गुरशरण सिंह अग्रिम जमानत के लिए मानयोग पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट पहुंचे तो वहाँ उनका पक्ष सीनियर अधिवक्ता विनोद घई ने रखा, जान लीजिए श्री विनोद है कुछ समय पहले तक भगवंत मान सरकार के पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में मुख्य वकील थे, जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट से विनोद घई ने कहा की गुरशरण सिंह के आगे की गाडी जिसे विशु कपूर चला रहे थे ने श्री रिची के पी की कार को टक्कर मारी नाकि गुरशरण सिंह की कार ने, उन्हें तो पता ही नहीं चला और उनकी कार बाद में टकरा गई, ऐसे में अदालत ने कहा की आप शहर के बीच में पड़ते घनी आबादी वाले एरिया में इतनी तेज कार चला रहे थे और क्या आपको पता ही नहीं था की आपकी इतनी स्पीड से किसी की जान जा सकती है और इसी आधार पर हाई कोर्ट ने भी गुरशरण सिंह की अग्रिम जमानत अर्जी ख़ारिज करदी
कैप्शन: रिची के पी की तस्वीर
