relationship between crime and media: notorious restaurant in jalandhar में eastwood village mall jalandhar के मालिक त्रिवेणी मल्होत्रा बेटे और भतीजे की बंटी चावला और टैबी भाटिया के साथ हुई खुनी झड़प ने खड़े किए कई सारे सवाल...

 जालंधर(9/08/2025): जालंधर शहर में 4 और 5 अगस्त 2025 की दरमियानी रात को एक रेस्टोरेंट और बार जिसका नाम नोटोरियस क्लब हैं में दो गुटों में खुनी झड़प हो गई जालंधर शहर से छपने वाले एक हिंदी अखबार में 5 अगस्त 2025 को छपी खबर के मुताबिक इस झड़प में जालंधर फगवाड़ा हाईवे पर पड़ते कमर्शियल मॉल ईस्टवुड विलेज के मालिकों मेसे एक त्रिवेणी मल्होत्रा के बेटे दिव्यांश और त्रिवेणी मल्होत्रा के भतीजे मानस को गंभीर चोटे लगी है, इसी खबर के मुताबिक इस मामले के हमलावरों का नाम जालंधर शहर की 66 फूटी रोड पर पड़ते एक प्रॉपर्टी व्यापारी बंटी चावला और जालंधर के मॉडल टाउन में एक जूतों और एक्सेसरीज की दूकान चलाने वाले टैबी भाटिया के तौर पे सामने आया है, इस मामले के बाद कुछ  दिन बीत जाने के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों पर कोई कार्रवाई नहीं की थी पर आज खबर उडी है की हमलावर पक्ष पर थाना नंबर-4 की पुलिस ने मामला दर्ज कर दिया है, इसके इलावा एक्साइज विभाग ने खाना पूर्ती करते हुए उक्त क्लब का शराब परोसने का लाइसेंस सिर्फ एक महीने के लिए ससपेंड कर दिया और सुनाई दे रहा है की आगे की कार्रवाई चल रही है, इस सबमे एक बात जो सबसे ज्यादा परेशान करने वाली सामने आई है की इसी हिंदी अखबार ने अपने फ्रंट पेज पर 5 अगस्त 2025 की कवरेज में लिखा है की जालंधर से चलने वाली एक पत्रकार एसोसिएशन का तथाकथित प्रमुख जालंधर पुलिस के एक डी सी पी के साथ मिल कर इस मामले में सुलह सफाई और मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है, इसके इलावा जालंधर से चलने वाले कुछ न्यूज़ वेबसाइट्स तो अपने ही कुछ पत्रकार साथियों पर इस मामले में इन्वॉल्व पक्षों से पैसे ऐंठने जैसे गंभीर आरोप छाप रहे है, अब और कुछ हो न हो इस मामले ने जालंधर के पत्रकार वर्ग के सम्मान को ठेस जरूर पहुंचाई है,

इतना सब तो जालंधर की जनता ने खबरों में पढ़ा होगा पर हम लोग इस मामले से उभरे कुछ सवालों पर रौशनी डालना चाहते है जिन्हे अभी तक छुपाने की कोशिश की गई लगती है  

अभी तक की लगभग सारी रिपोर्टिंग में त्रिवेणी मल्होत्रा के बेटे और भतीजे को बेचारा और पीड़ित बताया जा रहा है पर सवाल पैदा होता है की ये दोनों पीड़ित, बेचारे, बेक़सूर और मासूम युवक रात के 2.30 AM पर उक्त क्लब में क्या कर रहे थे यह सवाल अभी तक किसी मीडिया में नहीं पुछा गया है, हमें तो नहीं पता की देश भरमे कौनसा रेस्टोरेंट है जो रात 2.30 AM  तक लोगो को खाना परोसता है  
अगर CCTV फुटेज को ही माना जाये तो साफ़ दिखाई दे रहा है की दो पक्षों में मार पीट हो रही है तो ऐसे में एक पक्ष को हमलावर और दुसरे को पीड़ित बताना कहाँ तक सही है, ताली एक हाथ से कभी नहीं बजती क्या पुलिस ने दो बातें जानने की कभी कोशिश की है की यह झड़प शुरू किस बात को लेकर हुई है?? और इस झड़प के लिए त्रिवेणी मल्होत्रा के बेटे और भतीजी की कोई गलती है या नहीं अगर है तो कितनी गलती है??
इसी हिंदी अख़बार ने अपनी 6 अगस्त 2025 की रिपोर्ट में लिखा है की पुलिस कई बार दोनों पक्षों का ब्यान लेने गई थी पर दोनों हो पक्ष ब्यान नहीं दे रहे हैं ऐसे में सवाल खड़ा होता है की अगर त्रिवेणी मल्होत्रा का पक्ष सच्चा है(जैसा के मीडिया रिपोर्ट्स में छप रहा है) तो वो लोग पुलिस को अपना ब्यान क्यों नहीं लिखवा रहे
इसके बाद एक और जरुरी सवाल सामने आया है की त्रिवेणी मल्होत्रा के बेटे और भतीजे साहिब दोनों हॉस्पिटल में भर्ती है तो क्या उनके खून का टेस्ट करके यह बात जानने की कोशिश की गई है या नहीं की इन दोनों ने उस दिन शराब का सेवन तो नहीं किया था?? हालाँकि हम इन युवकों पर कोई सवाल खड़े नहीं कर रहे बस एक जांच प्रक्रिया पर सवाल खड़ा कर रहे हैं हो सकता है की यह जांच हुई भी हो और हमें इसकी ठोस जानकारी न हो पर ऐसे सवाल पहले ही पूछे जाने चाहिए थे
इसी अख़बार को त्रिवेणी मल्होत्रा ने ब्यान दिया है की हमलावर उनके बेटे और भतीजे को पहले से नहीं जानते थे तो ऐसे में सवाल खड़ा होता है की पुलिस ने अबतक दो एक दुसरे से अनजान गुटों में हुई झड़प की बेसिक वजह को फाइंड आउट करके जनता के सामने क्यों नहीं रखा है
एक और बात पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े करती है की एहि जालंधर पुलिस गरीब लोगों को दबाने की नियत से आए दिन झूठी 107/151 की कार्रवाई करती रहती है पर इस मामले उसी समय(झड़प के समय) न तो त्रिवेणी मल्होत्रा के बेटे, उसके भतीजे, बंटी चावला और टैबी भाटिया के खिलाफ 107/151 की कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई, अब सबसे जरुरी सवाल खड़ा होता है की अगर पुलिस ने हमलावर कहे जाने वाले पक्ष( बंटी चावला और टैबी भाटिया) पर मामला दर्ज कर दिया है तो पुलिस जनता को एक टाइम पीरियड बताये की इन आरोपियों की गिरफ्तारी कब तक संभव हो सकेगी??
अब अगर कुछ पत्रकार इस मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं तो पुलिस ने इन लोगो का नाम सामने क्यों नहीं लाया है, ऐसा न करके पुलिस ने कहीं न कहीं पूरे पत्रकार समाज का अपमान होने दिया है 


Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form