bikram singh majithia case update: bikram singh majithia bail की सुनवाई के दौरान हैरान करने वाले कई सारे फैक्ट्स सामने आए

जालंधर(12/10/2025): दोस्तों आप सबको इतना पता ही होगा की प्रमुख अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को पंजाब सरकार ने 25/06/2025 से जेल में डाला हुआ है पर सबसे ज्यादा भयानक बात यह है की पूरे पंजाब के साथ साथ हिंदुस्तान के किसी भी मीडिया ग्रुप ने भगवंत मान सरकार से इस मामले पर कोई भी सवाल पूछने की हिम्मत नहीं जुटाई है यह बात भारत और ख़ास कर पंजाब में खत्म होते लोकतंत्र का सबसे बड़ा सबूत है, हम यह इतनी बाड़ी बात इस लिए कह रहे है क्योकि पूरे देश में अब विपक्ष की कहीं कोई बात किसी भी मीडिया में पढ़ने, सुनने और देखने को नहीं मिलती है, अब तो ऐसा लगता है की केंद्र हो या फिर कोई राज्य सरकार, मीडिया के बस एहि सरकारें ही सच्चा सोर्स ऑफ़ इनफार्मेशन हैं विपक्ष को तो लगता है मीडिया भूल ही चुका है या ऐसा भी कह सकते है की मीडिया आज सरकारों के सामने इतना डर गया है की बोलने की अब हिम्मत इसमें रही ही नहीं है, दिल्ली में देखें तो कुछ डिजिटल पत्रकार बचे हैं जो केंद्र सरकार से सवाल पूछते है पर अफ़सोस के साथ कहना पड़ रहा है पंजाब में डिजिटल मीडिया भी लगभग ख़त्म ही समझो, चलो कोई और न सही तो हम ही आप सबके सामने कुछ ऐसे सवाल उठाने जा रहे  हैं जो बिक्रम सिंह मजीठिया की गरफ्तारी के बाद उनके वकीलों ने अदालतों में उठाए है, एक बात को अपने दिमाग में जरूर रखिये की हम लोग ऐसे किसी भी आर्टिकल के जरिए न तो सरकार और न ही विपक्ष को सही या गलत साबित करने की कोशिश कर रहे हैं, इन आर्टिकल के जरिये दब चुके सवालों को पूछने की एक कोशिश भर है

बिक्रम सिंह मजीठिया के वकीलों ने मोहाली की उस अदालत में जहाँ बिक्रम सिंह मजीठिया की जमानत की सुनवाई चल रही थी जज के सामने कहा की भगवंत सरकार की विजिलेंस ने जो मामला 25/06/2025 को बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ दर्ज किया उसमे लिखा है की विजिलेंस को सुबह 4.30am पर सूचना मिली, रिपोर्ट को डिस्पैच करने का समय सुबह 6.30 बजे का उसी दिन का लिखा गया है और उसी सुबह 9 बजे विजिलेंस लोकल पुलिस को साथ लेकर मोहाली से मजीठिया के घर अमृतसर उन्हें गिरफ्तार करने पहुंच गई, इतनी जल्द बाज़ी में विजिलेंस ने मामले से जुड़े किसी फैक्ट को जांचा तक नहीं है इससे विजिलेंस की असली मंशा की तरफ संदेह की सूई घूमती है 

इसके इलावा मजीठिया के वकीलों ने एक बार फिर अदालत के सामने कहा है की विजिलेंस जिन बैंक एन्टेरीस पर  उंगली उठा रही है उन सबको इनकम टैक्स विभाग ने साल 2007-08, 2008-09 और 2013-14 के समय भरी गई रीटर्न के दौरान ही जांच लिया था और सब कुछ ठीक पाया था

बिक्रम सिंह मजीठिया के वकीलों ने अदालत में कहा है की बड़ी तेजी से मामला दर्ज किया गया और तुरंत बिक्रम सिंह मजीठिया को उनके घर से गिरफ्तार भी कर लिया गया पर इससे भी तेजी से मौजूदा पंजाब सरकार से जुड़े कुछ नेता मीडिया के सामने आए और कहा की मजीठिया को ड्रग्स के मामले में गिरफ्तार किया गया है जबकि मामला आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का दर्ज किया गया है ऐसे में असल नियत सामने आती दिखाई दे रही है 

इसके बाद मजीठिया के वकीलों ने अदालत में बताया है की पंजाब सरकार का कहना है की हिमाचल प्रदेश के कोटि मशोबरा में मजीठिया और उनके परिवार के पास 1000 एकर्स जमीन है, जब की हिमाचल प्रदेश सीलिंग ऑन लैंड एक्ट 1972 के मुताबिक कोई भी 150 बीघा मतलब 17 हेक्टर से ज्यादा जमीन वहाँ खरीद ही नहीं सकता है तो ऐसे में मजीठिया या उनके परिवार के पास मशोबरा में 1000 एकर्स जमीन वाली बात कैसे सच हो सकती है 

मजीठिया के वकीलों ने कहा की 27/10/2023 को गनीव कौर को एक सम्मन मिला  था जिसे बाद में हाई कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया था 

इस अपीयरेंस के दौरान विजिलेंस की वकीलों ने एक बेहद चौकाने वाली, आधार हीन और बेहद गैरजिम्मेदार बात अदालत से कही की मजीठिया की कंपनी SIL को सायप्रस और सिंगापुर से फंड्स मिलते रहे है ऐसे में मजीठिया के अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध होने की वजह से अगर उनको जमानत दी गई तो वो विदेश भाग सकते है, अब यहां एक सवाल खड़ा होता है की मजीठिया साल 2021 वाली ऍफ़ आई आर में 6 माह जेल काटने के बाद जमानत पे हैं और मामला अभी तक खत्म नहीं हुआ है तो ऐसे में यह सरकारी वकील लोग बताएं की मजीठिया पहले ही देश से भाग सकते थे तो वो साल 2021 वाले मामले में जमानत मिलने के बाद देश छोड़ कर क्यों नहीं भागे, इस सबूत के काउंटर में इन सरकारी वकीलों के पास कौनसे सबूत हैं जो कहते हैं की मजीठिया इस बार जमानत मिलने के बाद देश छोड़ कर भाग जायेंगे

आगे इन सरकारी वकीलों ने लिखवाया है की मजीठिया के पास जेड प्लस सुरक्षा है जिसका रोब दिखा कर प्रभाव बनाया जा रहा है की कोई भी मजीठिया के कामों पे उंगली नहीं उठा सकता है अब सवाल खड़ा होता है की कैसे इस बात का अंदाज़ा इन सरकारी वकीलों ने लगा लिया की मजीठिया की सुरक्षा का स्तर समाज में आस पास के लोगों पर दबाव बनाने का काम कर रहा है क्या इन सरकारी वकीलों के पास आम जनता मेसे कोई उठके आया है की उस पर श्री मजीठिया की सुरक्षा घेरे का कोई प्रभाव डाला गया हो और ऐसा क्यों किया गया हो क्या इन बातों का इन सरकारी वकीलों के पास कोई जवाब है??, अगर नहीं तो अदालत को इन सरकारी वकीलों के खिलाफ इस बात को लेकर कड़ा नोटिस लेना चाहिए, यहां शक पैदा होता है की कहीं ऐसा तो नहीं की पंजाब सरकार बदनीयती से समाज में मजीठिया का कद कम करने की नियत से उनकी सुरक्षा तक से खिलवाड़ करने में भी पीछे नहीं है 

इसके बाद इन सरकारी वकीलों का कहना था की श्री मजीठिया के जिन ठिकानों पर विजिलेंस ने दबिश दी है वहाँ से जो कैश, सोना, और अन्य जरुरी चीज़ों जो मजीठिया ने या तो विजिलेंस को बताई है या पहले से पंजाब सरकार की इंटेलिजेंस के रिकॉर्ड में थी उनमेसे ज्यादा तर चीज़ें विजिलेंस को अभी तक नहीं मिली हैं, अब यहाँ तो सवाल पंजाब सरकार की इंटेलिजेन्स पर ही खड़ा होता है की पंजाब सरकार के ये सब विभाग क्या सोते रहते हैं और इनकी सूचना ही गलत निकल जाती है, ये सरकारी वकील यह बात कहके तो पंजाब सरकार की इंटेलिजेन्स की क़ाबलियत पर ही सवाल खड़े कर गए है

इसके आगे इन सरकारी वकीलों का मानना है की मजीठिया एक प्लांड तरीके से उन वाहनों और मोबाइल नंबर्स को इस्तेमाल करते है जो उनके किसी नजदीकी के नाम पर हैं खुद मजीठिया के नाम पर नहीं है अब यहाँ समझ नहीं आता की किसी अन्य के नाम पर जो वाहन हो और उक्त वाहन को अन्य कोई इस्तेमाल करले या किसी अन्य के फ़ोन से बात कर ले तो ऐसे में जुर्म कौनसा बनता है, कोई जुर्म बनता भी है या नहीं इन वकीलों को जरा ध्यान से पढ़के आना चाहिए था

मजीठिया के वकीलों का कहना था की सोना बढ़ने की सही वजह सोने का मार्किट में रेट बढ़ना है नाकि कोई और वजह और श्री मजीठिया के पास दिल्ली में कोई प्रॉपर्टी नहीं है, मजीठिया के वकीलों ने कहा की एक तरफ पंजाब सरकार कह रही है की मजीठिया ने जुर्म किया है साल 2007 से 2017 के बीच किया है और साल 2025 में आके अमेंडमेंट एक्ट 2018 के नियमों के हिसाब से ऍफ़ आई आर दर्ज की है ऐसे में कानून यह ऍफ़ आई आर ही गलत हो जाती है, इस सवाल के जवाब में सरकारी वकीलों की दलील थी की इस कानून का बेसिक स्ट्रक्चर तो पहले जैसा ही है इस लिए यह दलील मजीठिया को राहत नहीं दे सकती 

अब सरकारी वकीलों की दलील थी की जिस इनकम टैक्स रिटर्न की बात मजीठिया के वकील कर रहे है उसे उस समय ठीक से कंसीडर नहीं किया गया था, आगे मजीठिया  के वकीलों ने कहा की पंजाब सरकार सराय इंडस्ट्रीज की कैपिटल में बढ़ोतरी की जो बात कर रही है उस समय सराय रिन्यूएबल गुरदासपुर, बटाला, अजनाला और नवांशहर के आपसी मर्जर की वजह से यह कैपिटल बढ़ोतरी हुई थी और पंजाब सरकार जो बैंक एकाउंट्स में कैश डिपाजिट की बात कर रही वो कैश उत्तर प्रदेश में शराब के लीगल बिज़नेस से इस कंपनी के पास आया था क्योकि ज्यादा तर जनता शराब कैश में ही खरीदती है तो ये वही कैश है जो उस समय बैंक एकाउंट्स में जमा किया गया था 

इस पूरी बहस के दौरान दोनों पक्षों की तरफ से और भी काई सारे फैक्ट्स रखे गए पर सबसे जरुरी फैक्ट्स जो जनता को इस स्टेज पर जानने चाहिए वो ही हमने इस आर्टिकल में लिखे हैं, कुछ फैक्ट्स जो इस बेल की सुनवाई के दौरान इस बार भी रखे गए हैं वो हम लोग मजीठिया से जुड़े पहले के आर्टिकल्स में पहले ही लिख चुके थे अगर जनता पुराने आर्टिकल को पढ़े तो बचे हुए फैक्ट्स भी काफी हद तक मिल जायेंगे 

इस पूरी बहस को सुनने के बाद मजिस्ट्रेट साहिब ने अपने आर्डर में सिर्फ इतना लिखा है की अभी इन्वेस्टीगेशन चल रही है इस लिए अभी मजीठिया को बेल देने की कोई ग्राउंड नहीं बनती है और बेल डिसमिस की जाती है 



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