mla raman arora news: जानिए mla raman arora raid के बाद कौन कौन से सवाल खड़े हुए

जालंधर(07/06/2025): दोस्तों पंजाब के शहर जालंधर के सेंट्रल हलके के आम आदमी पार्टी के विधायक रमन अरोरा के खिलाफ उन्ही की सरकार ने विजिलेंस बयूरो से गंभीर करप्शन के  आरोपों के चलते गिरफ्तार करवा के जेल भिजवा दिया, जब से रमन अरोरा की गिरफ्तार हुई है जालंधर में राजनीती से ज्यादा मीडिया के गलियारों का महोल गर्म होता चला जा रहा है, बिना किसी सर पैर के रिपोर्टिंग हो रही है पंजाब सरकार के खिलाफ बोलना तो दूर की बात है सरकार से एक भी सवाल पूछने की किसी की हिम्मत नहीं हो रही, वहीँ विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने सरकार के इस कदम को लुधियाना में होने जा रहे चुनाव में जनता की सोच को आम आदमी पार्टी के पक्ष में लाने का कदम और एक ड्रामा करार दे दिया है कांग्रेस पार्टी के एक विधायक सुखपाल खैरा ने सबसे पहले रमन अरोरा की गिरफ्तारी को एक स्टंट बताया था, सुखपाल खैरा के इस इलज़ाम के बाद हमने मामले पे कुछ रिसर्च की है जिसमे कई सारे सवाल खड़े हुए हैं, उम्मीद है की ये सारे सवाल आने वाले समय में उभर के जरूर सामने आएंगे इस आर्टिकल में हम इन्ही कुछ सवालों या यूँ कहें की सवालों के पैदा होने का शक आपके सामने रखने जा रहे हैं

आप लोगों को याद होगा की साल 2023 के अगस्त माह में जालंधर शहर में दो सगे भाइयों ने रामा मंडी के तहत आते ठाणे के उस समय जो घटना के समय जालंधर शहर के थाना नंबर-1 में तैनात था एक बिगड़ैल एस एच नवदीप सिंह द्वारा तंग परेशान करने, मार पीट करने और झूठा मामला दर्ज करने की वजह से दोनों भाइयों मानव ढिल्लों और जश्न ढिल्लों ने नदी में छलांग लगा के अपनी जीवन लीला ख़त्म कर ली थी, इसके बाद मामले ने खूब तूल पकड़ लिया था पीड़ित ढिल्लों परिवार की तरफ से इन्साफ की मांग करने वालों मेसे सीनियर अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने लम्बी चौड़ी प्रेस कांफ्रेंस की थी और आज के आरोपित चल रहे विधायक रमन अरोरा, एस एच नवदीप सिंह, उसके सीनियर सी पी निर्मल सिंह, नवदीप सिंह के उस समय के सबसे चहीते रीडर बरिंदरपाल, रमन अरोरा के पी पे बेहद गंभीर और पंजाब सरकार को जगाने वाले आरोप लगाए थे, इस आर्टिकल में हम उस प्रेस कांफ्रेंस का यूट्यूब लिंक दे रहे हैं जिसे आज भी यूट्यूब पे देखा और सुना जा सकता है ये लिंक क्लिक करके पूरी प्रेस कांफ्रेंस सुनी जा सकती है https://www.youtube.com/watch?v=q7_fRKO2vR8&t=950s

अब आते है कुछ सवालों की तरफ पहली बात अगर साल 2023 में ही बिक्रम सिंह मजीठिया जैसे बड़े नेता ने सी पी निर्मल सिंह, नवदीप सिंह और बरिंदरपाल पे इतने गंभीर खुलासे किये थे तो उस समय रमन अरोरा, निर्मल सिंह और बरिंदरपाल जैसे लोगों की जाँच क्यों नहीं की गई अगर उस समय जाँच की जाती तो हो सकता है की आज जैसे की रोज़ विजिलेंस कोई कोई नया मामला सामने ला रहा है जाने कितने लोग ठगी का शिकार होने से बच गए होते पर उस समय इतना कुछ होने के बाद भी सरकार का सुन्न रहना इस बात का शक पैदा करता है की भगवंत मान सरकार की तब नियत ठीक नहीं थी तभी यह लोग बचे रहे

इस बात की भी जांच होनी चाहिए की सी पी निर्मल सिंह इतनी देर तबादले से कैसे बचता रहा और लम्बे समय तक रमन अरोरा के दफ्तर के सामने वाले ठाणे में ही बैठा रहा और कौन से पुलिस के बड़े अधिकारी थे जो निर्मल का तबादला रुकवाते थे इन अफसरों का नाम भी जनता के सामने आना चाहिए ये सवाल इस लिए उठता है की उस समय लगभग पूरे पंजाब में पुलिस अधिकारीयों की ट्रांसफर होती रही  पर सी  पी निर्मल सिंह टस से मस नहीं हुआ, अगर विजिलेंस में कुछ ईमानदारी बची हुई है तो इस बात की भी जांच करे की सी पी निर्मल सिंह को किस मकसद से इतने लम्बे समय तक एक ही एरिया का सी पी लगाया रखा गया था, हो सकता है मामला निर्मल के पक्ष में भी बैठ जाये पर जांच की पूरी गुंजाईश बनी हुई है, अगर निर्मल सही होगा तो बरी हो जायेगा वरना अंजाम भुगतेगा

इसके बाद एक बात और शक पैदा करती है की हाल ही में सी पी निर्मल का आनन फानन में तबादला नवांशहर कर दिया गया और उसकी जगह नवांशहर वाले सी पी को जालंधर के सेंट्रल एरिया का चार्ज दे दिया गया, यह  सिर्फ दो ट्रांसफर एक साथ हुई है और कोई पुलिस अफसर उस समय इधर से उधर नहीं किया गया था मतलब साफ़ है ये ट्रांसफर रूटीन ट्रांसफर नहीं हो सकती वरना लिस्ट में कुछ और लोगों के नाम होते, ऐसे में इस बात की भी जाँच होनी चाहिए किस सीनियर अफसर ने सी पी निर्मल सिंह की शक के दायरे में रही ट्रांसफर की और किसके कहने पे की और क्यों की गई, ध्यान देने लायक है की उन्ही दिनों में रमन अरोरा की सिक्योरिटी पंजाब सरकार ने वापिस ली थी अगर पंजाब सरकार की नियत ठीक थी तो सी पी निर्मल को क्यों बिना किसी वजह के एक दम से ट्रांसफर कर दिया गया, जो लम्बे समय से ट्रांसफर प्रूफ अधिकारी माना जाता था कही कुछ छुपाने की कोशिश तो नहीं की गई थी इन सब सवालों के जवाब सामने आने जरुरी हैं

अब आजकल सुनने को मिल रहा है की सी पी निर्मल सिंह से भी रमन अरोरा के मामले में सवाल जवाब किये जा रहे है पर इस बात की पुष्टि करना हमारे लिए मुश्किल है हाँ अगर आप लोगो को इस बात की सटीक जानकारी चाहिए हो तो विजिलेंस से सवाल पूछ लिया जाये, जालंधर शहर में एक बात और चर्चा का विषय बनी हुई है की रमन अरोरा बीजेपी में जाना चाहता था इसी लिए उनकी अपनी सरकार वाली आम आदमी पार्टी ने यह कदम उठाया है वैसे इस अफवाह का भी तो कोई गवाह है नहीं कोई सबूत है यह बात कितनी सच है हम नहीं जानते, एक बात ध्यान देने लायक है की साल 2023 में की गई प्रेस कांफ्रेंस में बिक्रम सिंह मजीठिया ने यह बात काफी जोर देके कहीं थी की रमन अरोरा और एस एच नवदीप सिंह (जो आजकल बर्खास्त चल रहा है) ठगी के काम में सांझेदार हैं तो ऐसे में विजिलेंस ने आजतक नवदीप सिंह जो जालंधर के सूर्य एन्क्लेव में रहता है को जांच का हिस्सा क्यों नहीं बनाया है 

अब बात की जानी चाहिए रमन अरोरा की गिरफ्तारी के बाद जालंधर के एक पुराने अखबार में होने वाली रिपोर्टिंग के बारे, जब रमन अरोरा की गिरफ्तारी हुई तो जालंधर से चलने वाले एक अखबार ने अपने 27/05/2025 के लोकल एडिशन का फ्रंट पेज ही भर दिया, ऐसी ऐसी बाते लिखी जो सबकी आंखे खोल दें, लिखा गया की रमन अरोरा से जुडी 92 से ज्यादा सम्पतियों की जांच होगी, रिश्तेदारों से भी सवाल जवाब होंगे, जांच का दायरा जालंधर शहर से आगे आस पास कुछ गावों तक भी बढ़ेगा, संदिग्ध नामों की लिस्ट में रमन अरोरा के कुछ करीबियों का भी नाम शामिल, नहरी विभाग से सम्बंधित जमीन की भी जांच होगी, रमन अरोरा द्वारा करवाए गए सामाजिक कार्यक्रमों में हुए खर्च की भी जांच हो सकती है, रमन अरोरा के समधी और कुछ नजदीकी खुद ही जल्द सरेंडर कर सकते हैं, विजिलेंस नगर निगम की कुछ फाइलें भी खंगाल सकती है वगैरा वगैरा, हमने तो यह कुछ उधारण बताये हैं अखबार ने तो इससे भी ज्यादा गंभीर बातें लिखी हैं पर हैरान करने वाली बात है की किसी सोर्स और सबूत की तरफ इशारा तक नहीं किया है मतलब इस अखबार के इस रिपोर्ट को लिखने वाले रिपोर्टर को इतना सब किसने बताया जबकी इसी पेज पे इसी रिपोर्टर ने लिखा है की पटवारी और कानूनगो जैसे अफसर मामले पे चुप्पी साधे हुए है, और लिखा है की मामले की जांच बहुत गुप्त ढंग से चल रही है तो जनाब आपको इतनी जरूरी सूचना किसने दी, अब सवाल पैदा होता है की क्या विजिलेंस खुद ही इस रिपोर्टर को सब सूचनाएं तो नहीं दे रही पर विजिलेंस ऐसा क्यों करेगा, अगर विजिलेंस का कोई अफसर ऐसा कर रहा है तो उसका मकसद क्या हो सकता है, अगर विजिलेंस इस रिपोर्टर को कोई गुप्त सूचना नहीं दे रही तो पंजाब सरकार से जुड़ा वो कौन है जो विजिलेंस की जांच से जुडी सूचनाएं इस रिपोर्टर को पहले ही लीक कर रहा है इस भेदी को भी भगवंत मान जी ढूंढ निकालेंगे इस बात का हमे पूरा भरोसा है, 4 जून 2025 को इसी अखबार के दुसरे रिपोर्टर ने लिखा है की रमन अरोरा के एक नजदीकी बन चुके पतंग बेचने वाले से भी विजिलेंस सवाल जवाब कर सकता है अब यह बात इस अखबार के दुसरे रिपोर्टर को पहले से कैसे पता लग गई

हमे लगता है की अदालतों को इस मामले पे कड़ी नजर रखनी होगी कहीं ऐसा हो की जो इल्जाम सुखपाल सिंह खैरा ने लगाए हैं सच साबित हो जाये और कहीं इस मामले में भी आगे चलकर चालान अदालत तक पहुंचे और मामला हमेशा के लिए दफ़न हो जाये, सुखपाल सिंह खैरा के इल्जामों को ध्यान में रखते हुए हम लोग लुधियाना की जनता से निवेदन करना चाहते है की वो लोग आने वाले उप चुनाव में मतदान करते समय अपनी सूझ बूझ का पूरा इस्तेमाल करे और उसके बाद ही किसी भी पार्टी को अपना वोट दें

इस स्टोरी के माध्यम से हम किसी भी पक्ष चाहे वो पंजाब सरकार हो, बिपक्ष हो, विजिलेंस हो, रमन अरोरा हों, सी पी निर्मल सिंह और अन्य पुलिस अधिकारी हों या फिर चर्चा में जुड़ा अखबार हो किसी को सही या गलत साबित करने की कोशिश बिलकुल नहीं कर रहे हैं, हमने कुछ सवाल उठाये हैं जो इस मामले से पर्दा उठने के बाद खड़े हुए हैं, इन सवालों के जवाब सामने आने बेहद जरुरी हैं



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